सिग्नल नही तो क्या हुआ....राजेन्द्र शर्मा जैसे शिक्षक तो हैं ddnewsportal.com

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सिग्नल नही तो क्या हुआ....राजेन्द्र शर्मा जैसे शिक्षक तो हैं 

घर-घर जाकर बच्चों को पढ़ा कोरोना महामारी को दें रहे करारा जवाब, पांवटा के ग्रामीण विद्यालय नघेता के शिक्षक का लाजवाब जज्बा

कठिनाई चाहे जितनी भी हो लेकिन जिसमे कुछ कर गुजरने का जज्बा हो वो राह निकाल ही लेते हैं। पिछले 10 माह से कोरोना वायरस के चलते स्कूल बंद है। इस दौरान हालांकि शिक्षा विभाग ने ओनलाईन कक्षाएं शुरू की है। लेकिन प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क की दिक्कतें और एंड्रायड मोबाईल की कमी बच्चों की शिक्षा मे कहीं न कहीं बाधा बन रही है। इसके आए दिन कईं स्थानों से उदाहरण भी सामने आये हैं। लेकिन जिन स्कूलों मे राजेन्द्र शर्मा जैसे शिक्षक हों वहां पर बच्चों को मुश्किलें आ ही नही सकती। स्कूल बंद हुए तो इन शिक्षक ने उसका भी समाधान निकाल लिया। कोरोना महामारी के चलते बच्चों की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसलिए घर-घर जाकर बच्चों को पढ़ाने का निर्णय लिया। कोविड-19 महामारी के कारण स्कूल नहीं आने और नेटवर्क के कारण ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे छात्र-छात्राओं को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नघेता के शिक्षक राजेंद्र शर्मा बच्चों का भविष्य संवारने मे लगे हैं। वह घर घर जाकर पढ़ाई और परीक्षा की तैयारियां करवा रहे है। वह पिछ्ले 6-7 महीनों से घर घर जा रहे है। शिक्षक राजेंद्र शर्मा का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्र में कई स्थानों पर नेटवर्क की समस्या होती है। जिस कारण ऑनलाइन पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। वह सप्ताह में चार दिन सोमवार से वीरवार को जमा एक व जमा दो की गणित की कक्षाएं लगा रहे हैं। शिक्षक का कहना है कि कोविड महामारी के कारण बच्चों को कई तरह की परेशानियों का सामना भी करना पड़ा था लेकिन उन्होंने बच्चों की समस्याओं को दूर करने के लिए घर घर जाकर पढ़ाई करवाने का फैसला

लिया। इससे बच्चों का सिलेबस भी पूरा हो रहा है और परीक्षाओं की तैयारियां भी चल रही है। उन्होंने कहा कि स्कूल के बच्चे कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए पढ़ाई कर रहे हैं। उनके इस कदम भी क्षेत्र मे खूब प्रशंसा हो रही है।